बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे २ की.मी. तक भागते थे… न जाने कीतने चोटे लगती थी… वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी… आज पता चलता है, दरअसल वो पतंग नहीं थी; एक चेलेंज थी… खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है… वो दुकानो पे नहीं मिलती… शायद यही जिंदगी […]
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यादे कल की , बीते पल की
गर्मी की छुट्टी में कही कोई समर कैंप नहीं होते थे, पुरानी चादर से छत के कोने पर ही टेंट बना लेते थे , क्या ज़माना था जब ऊंगली से लकीर खींच बंटवारा हो जाता था, लोटा पानी खेल कर ही घर परिवार की परिभाषा सीख लेते थे। मामा , मासी , बुआ, चाचा के […]
Very Heart Touching – Bachpan Ki Yade
😢 Very Heart Touching 👇 जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था… जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था… !! जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी… आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है… !! कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था… आज घर पर […]
Wo Bachpan ka Zamana tha – Poem, Shayari
Ek BACHPAN ka Zamana tha, . jisme Khushiyo ka khazana tha.. Chahat Chaand ko pane ki thi, . par DIL titli ka Diwana tha.. . Khabar na thi kuch Subah ki, Na Shaam ka thikana tha.. . Thak-har ke aana school se, . Par khelne bhi jana tha.. Maa ki kahani thi, Pariyo ka fasana […]