माँ सरस्वती चालीसा || चौपाई || जय श्रीसकल बुद्घि बलरासी । जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी ॥ जय जय जय वीणाकर धारी । करती सदा सुहंस सवारी ॥ रुप चतुर्भुज धारी माता । सकल विश्व अन्दर विख्याता ॥ जग में पाप बुद्घि जब होती । तबहि धर्म की फीकी ज्योति ॥ तबहि मातु का निज अवतारा […]